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खिलाफत आंदोलन-Khilafat Movement

प्रश्नउत्तर
खिलाफत आंदोलन कब शुरू हुआ?1919 में।
खिलाफत आंदोलन किसके खिलाफ शुरू हुआ था?प्रथम विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिशों द्वारा तुर्की के ओटोमन साम्राज्य पर लगाए गए प्रतिकूल शर्तों के खिलाफ।
खिलाफत आंदोलन किसने शुरू किया?अली बंधुओं ने।
बिहार में खिलाफत आंदोलन का समर्थन किसने किया?कांग्रेस ने इस आंदोलन को अपनाया और बिहार के लोगों ने इसका समर्थन किया।
गया में खिलाफत समिति किसने शुरू की?मौलाना सज्जाद ने।
16 फरवरी 1919 को पटना की बैठक में क्या निर्णय लिया गया?हसन इमाम की अध्यक्षता में हुई बैठक में खलीफा के उचित उपचार के पक्ष में जनमत बनाने का निर्णय लिया गया।
19 मार्च 1920 को बिहार के मुसलमानों ने क्या किया?बिहार में राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया।
अप्रैल 1920 में मौलाना शौकत अली पटना क्यों आए थे?उन्होंने खिलाफत आंदोलन को बिहार में फैलाने के लिए पटना का दौरा किया।
बिहार में खिलाफत आंदोलन के प्रमुख केंद्र कौन से थे?पटना, दरभंगा, गया, बिहार शरीफ, छपरा, मुंगेर, भागलपुर।
19 अक्टूबर 1919 को क्या मनाया गया?पूरे देश में खिलाफत दिवस मनाया गया।
30 नवंबर 1919 को पटना में कौन सी महत्वपूर्ण बैठक हुई?मौलाना शाह रशीदुल हक की अध्यक्षता में अंजुमन इस्लामिया हॉल में एक बड़ी बैठक हुई।
बिहार में खिलाफत आंदोलन के प्रमुख समर्थक कौन थे?राजेंद्र प्रसाद, मुहम्मद सफी, मौलाना नरुल हसन।
दूसरा खिलाफत दिवस कब मनाया गया?19 मार्च 1920 को।
दूसरा खिलाफत दिवस बिहार में किस रूप में मनाया गया?इसे राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया गया, साथ ही हड़ताल और विरोध प्रदर्शन हुए।
खिलाफत आंदोलन में बिहार के किन स्थानों पर प्रमुख बैठकें हुईं?सासाराम, चंपारण, फतुहा, मुजफ्फरपुर, काको और सीतामढ़ी।
प्रश्नउत्तर
खिलाफत आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?तुर्की के खलीफा के अधिकारों की रक्षा और उनके प्रति न्यायपूर्ण व्यवहार की मांग करना।
खिलाफत आंदोलन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की भूमिका क्या थी?कांग्रेस ने खिलाफत आंदोलन को अपना समर्थन दिया और हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए इसे एक अवसर माना।
खिलाफत आंदोलन का गांधीजी के नेतृत्व में क्या प्रभाव था?गांधीजी ने इस आंदोलन का समर्थन किया, जिससे यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में उभरा।
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