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बिहार और चम्पारण सत्याग्रह-Champaran Satyagraha

महात्मा गांधी का पहला सत्याग्रह कहाँ हुआ था?चंपारण सत्याग्रह 1917 में।
चंपारण और खेड़ा सत्याग्रह का क्या महत्व था?इन घटनाओं ने गांधीजी को भारतीय क्रांति के अग्रणी स्थान पर रखा और सत्याग्रह को एक शक्तिशाली साधन बना दिया।
चंपारण सत्याग्रह का उद्देश्य क्या था?बिहार में यूरोपीय नीलहे किसानों के खिलाफ आवाज उठाना।
टिनकठिया प्रथा क्या थी?नील किसानों को कुल भूमि के 3/20 हिस्से पर जबरन नील की खेती करने को मजबूर किया जाता था।
यूरोपीय नीलहों द्वारा किसानों से क्या मांगा जाता था?ऊँचा किराया और अवैध शुल्क, जिससे वे अधिक मुनाफा कमा सकें।
नील किसानों की स्थिति कैसे बिगड़ी?किसान अच्छे फसल नहीं उगा पा रहे थे, जिससे गरीबी और भुखमरी बढ़ गई।
1916 के लखनऊ अधिवेशन में किसने गांधीजी को चंपारण आने का निमंत्रण दिया?राजकुमार शुक्ल और संत राउत।
1916 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस सत्र में चंपारण मुद्दा उठाया गया?लखनऊ सत्र में।
राजकुमार शुक्ल किस गांव के निवासी थे?मुरली भीतिहरवा।
राजकुमार शुक्ल ने गांधीजी को किस लिए आमंत्रित किया?चंपारण के नील किसानों की समस्या देखने के लिए।
महात्मा गांधी चंपारण कब पहुंचे?10 अप्रैल 1917 को।
गांधीजी चंपारण में कहाँ ठहरे थे?अमोलवा गाँव में संत राउत के घर।
गांधीजी ने चंपारण में पहला प्राथमिक विद्यालय कब और कहां स्थापित किया?13 नवंबर 1917 को बड़हरवा लखनसेन गाँव में।
गांधीजी ने बिहार प्लांटर्स एसोसिएशन के मंत्री से कब मुलाकात की?11 अप्रैल 1917 को।
15 अप्रैल 1917 को किन नेताओं ने गांधीजी का साथ दिया?राजेंद्र प्रसाद, अनुग्रह नारायण सिंह, मजहर-उल-हक, महादेव देसाई, नरहरि पारीख और जेबी कृपलानी।
ब्रिटिश सरकार ने चंपारण आंदोलन को दबाने के लिए क्या कदम उठाए?विभिन्न उपाय अपनाए, लेकिन किसानों की भागीदारी और अहिंसा ने आंदोलन को बल दिया।
आंदोलन के परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार ने क्या किया?10 जून 1917 को चंपारण कृषि समिति गठित की।
टिनकठिया प्रथा कब समाप्त हुई?4 मार्च 1918 को।
चंपारण कृषि अधिनियम कब पारित हुआ?1 मई 1918 को।
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