बिहार राज्य, भारत के प्रमुख कृषि राज्यों में से एक है। यहाँ की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था का आधार सिंचाई है, और इसके लिए बिहार की नदियाँ (rivers of bihar)एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम बिहार की प्रमुख नदियों और उनके सिंचाई से संबंधित योगदान को एक टेबल के रूप में प्रस्तुत करेंगे। इससे आपको सिंचाई और अपवाह तंत्र के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त होगी। अंत में दिए गए बिहार की नदियों (rivers of bihar) ,अपवाह तंत्र और सिचाई से सम्बंधित सभी प्रश्न उत्तर को हल करना न भूलें |
बिहार की प्रमुख नदियाँ और उनकी सिंचाई में भूमिका
नदी का नाम | प्रमुख क्षेत्रों | सिंचाई क्षेत्र (वर्ग किमी) | सिंचाई के प्रकार | विशेषताएँ |
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गंगा | समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा | 1,20,000 | नहर प्रणाली | गंगा नदी बिहार की जीवन रेखा है, जिसका जल स्रोत मुख्य रूप से हिमालय से आता है। |
कोशी | पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा | 80,000 | बाढ़ प्रबंधन | कोशी नदी का पानी बाढ़ के समय अधिक उपयोगी होता है। इसके लिए विशेष बाढ़ नियंत्रण योजनाएँ हैं। |
गंडक | मोतिहारी, बेतिया, मुजफ्फरपुर | 60,000 | बहाव प्रणाली | गंडक नदी की मुख्य विशेषता इसका उथला पानी है, जो सिंचाई के लिए उपयुक्त है। |
यमुना | नालंदा, जहानाबाद | 30,000 | प्रमुख नहर | यमुना नदी का पानी कृषि के लिए बहुत उपयोगी होता है, लेकिन इसकी आपूर्ति सीमित है। |
पुठी | भागलपुर, बांका | 20,000 | जल संग्रहण | पुठी नदी की जल-प्रबंधन प्रणाली छोटी होती है, लेकिन यह स्थानीय सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है। |
बिहार की प्रमुख नदियाँ(Rivers of Bihar): उद्गम स्थल, सहायक नदियाँ, और लम्बाई
यहाँ बिहार की प्रमुख नदियों के उद्गम स्थल, उनकी सहायक नदियाँ और लम्बाई की जानकारी एक टेबल में दी गई है:
नदी का नाम | उद्गम स्थल | सहायक नदियाँ | लम्बाई (किमी) |
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गंगा | उत्तराखंड (गंगोत्री ग्लेशियर) | यमुनाजी, गंडक, कोशी, मुथो, भागीरथी, सोन | लगभग 2,525 किमी |
कोशी | नेपाल (तामकुसेर और मटकल) | अरुण, राप्ती, लांछी, भरेली | लगभग 505 किमी |
गंडक | हिमालय (नेपाल) | कलनदी, पश्चिमी कुपा, राप्ती, करजिया | लगभग 507 किमी |
यमुना | उत्तराखंड (यमुनोत्री ग्लेशियर) | चंबल, बेतवा, सिंध, केरला | लगभग 1,376 किमी |
पुठी | बिहार (नदी के स्रोत के बारे में सीमित जानकारी) | कोई प्रमुख सहायक नदियाँ नहीं | लगभग 200 किमी |
विस्तृत जानकारी
- गंगा: गंगा नदी का उद्गम स्थल उत्तराखंड के गंगोत्री ग्लेशियर से होता है और यह भारत की सबसे प्रमुख नदी है। इसमें कई प्रमुख सहायक नदियाँ हैं जिनमें यमुनाजी, गंडक, और कोशी शामिल हैं।
- कोशी: कोशी नदी का उद्गम स्थल नेपाल के तामकुसेर और मटकल क्षेत्र से होता है। इसके प्रमुख सहायक नदियों में अरुण, राप्ती, और लांछी शामिल हैं।
- गंडक: गंडक नदी का उद्गम हिमालय में नेपाल से होता है और इसमें प्रमुख सहायक नदियाँ कलनदी, पश्चिमी कुपा, और राप्ती हैं।
- यमुना: यमुना नदी का उद्गम स्थल उत्तराखंड के यमुनोत्री ग्लेशियर से होता है। इसकी सहायक नदियाँ चंबल, बेतवा, और सिंध हैं।
- पुठी: पुठी नदी के उद्गम स्थल के बारे में जानकारी सीमित है और इसमें कोई प्रमुख सहायक नदियाँ नहीं हैं।
इस टेबल के माध्यम से आप बिहार की प्रमुख नदियों की महत्वपूर्ण जानकारी को आसानी से समझ सकते हैं।
सिंचाई और अपवाह तंत्र
- सिंचाई के प्रकार:
- नहर प्रणाली: गंगा नदी और उसकी उपनदियों द्वारा स्थापित नहरें बड़े पैमाने पर सिंचाई करती हैं।
- बाढ़ प्रबंधन: कोशी और गंडक नदियाँ बाढ़ के दौरान सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराती हैं।
- जल संग्रहण: छोटे नदियों के पानी को स्टोर करके स्थानीय सिंचाई की जाती है।
- विशेषताएँ:
- गंगा: इसकी जलवायु पर निर्भरता बहुत अधिक है, और यह बिहार की सबसे प्रमुख नदी है।
- कोशी: बाढ़ प्रबंधन के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है, और बाढ़ के पानी को नियंत्रित करने के लिए विशेष योजनाएँ बनाई गई हैं।
- गंडक: इसका पानी सिंचाई के लिए उपयुक्त होता है, लेकिन इसके उच्च वायुगतिकीय प्रवाह के कारण पानी की कमी हो सकती है।
निष्कर्ष
सिंचाई के लिए बिहार की नदियाँ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रत्येक नदी की अपनी विशेषताएँ और सिंचाई के तरीके होते हैं, जो विभिन्न कृषि क्षेत्रों में उपयोगी साबित होते हैं। बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था इन नदियों की मदद से सुदृढ़ रहती है और किसान इनका भरपूर उपयोग करते हैं।
इस ब्लॉग पोस्ट में हमनें बिहार की प्रमुख नदियों और उनके सिंचाई तंत्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
बिहार की नदियों ,अपवाह तंत्र और सिचाई से सम्बंधित सभी प्रश्न उत्तर
बिहार के परिवहन एवं संचार -Transport and Communication of Bihar